हमारे शरीर में “रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र” सात धातुएं होती हैं| आयुर्वेद में वर्णित धातु पौष्टिक चूर्ण विशेष रूप से धातुओं की पुष्टि हेतु बनाया गया है|
अश्वगंधा, शतावरी, कौंच-बीज, गौक्षुर, विदारीकन्द, सफ़ेद मूसली, काली मूसली, बीज बंद, सालमगट्टा, उटंगन बीज, लाजवंती आदि जड़ी बूटियों से निर्मित यह चूर्ण, पौष्टिक धतुवर्धक और वीर्य को गाढ़ा करने वाला है|
इस चूर्ण का सेवन करने से वीर्य विकार, शुक्र क्षय, शीघ्रपतन आदि विकार दूर होते हैं|
यह चूर्ण वातवाहिनी नाड़ियों को सबल बनाकर वात रोगों को दूर करता है|
इस चूर्ण का सबसे उत्तम प्रभाव वीर्यवाहिनी नाड़ियों एवं मूत्र संबंधी रोगों पर होता है|
यह चूर्ण उत्तम शक्तिवर्धक तथा बाजीकरण हेतु अति उपयोगी है|
यह चूर्ण शरीर को हष्ट पुष्ट बनाता है|
दुर्बलता को दूर करने में धातु पौष्टिक चूर्ण अति उपयोगी है, चाहे वह दुर्बलता स्थायी हो या परिस्थिति विशेष से उत्पन्न हुई दुर्बलता|
यह चूर्ण विशेष रूप से पुरुषों के लिए अति लाभकारी है| इस चूर्ण का सेवन 16 वर्ष से अधिक आयु में करना अपेक्षित और हितकर है| 70 वर्ष से अधिक आयु के बाद इस चूर्ण का सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार ही करें|
धातु पौष्टिक चूर्ण में उपस्थित जड़ी बूटियाँ इस चूर्ण को सर्दियों के मौसम में अधिक हितकर बनाती हैं|
इस चूर्ण का सेवन भैंस के दूध के साथ भी किया जा सकता है परन्तु देसी गाय के दूध के साथ इस चूर्ण का सेवन सर्वोत्तम है|
धातु पौष्टिक चूर्ण के घटक -
अश्वगंधा
शतावरी
कौंच-बीज
गौक्षुर
विदारीकन्द
सफेद मूसली
काली मूसली
बीज-बंद
सालमगट्टा
उटंगन बीज
लाजवंती..
According to ayurveda there are seven Dhatu (Rasa, Rakta, Mamsa, Medha, Asthi, Majja and Sukhra) in our body. These may be translated as plasma, blood, muscle, fat, bone, bone marrow and reproductive fluid. Dhatu Paushtik churn in made with purpose to provide nourishment to Dhaatu.
Herbs mentioned in Dhatu Paushtik Churna provide vigor and strength to the body.
The Dhatu Paushtik Churna is very effective for many sexual problems as it has herbs which have aphrodisiac property. Also the proper use of Dhatu Paushtik Churna keeps body healthy, energetic and strong.
The Dhatu Paushtik Churna is very effective against weakness. The weakness might be general weakness of may arise out of sexual activities. Dhatu Paushtik Churna is more beneficial for males. It is preferably advised in age after 16 years. After 70 years of age, use this churna after proper medical advice.
Herbs present in Dhatu Paushtik Churn make the Churna more effective in winter season.
Although the churn can be consumed with milk of buffalo, but it provides best results with milk of Indian indigenous Cow.